पृथ्वी की संरचना
नमस्कार दोस्तों
पृथ्वी की आंतरिक संरचा को 3 परतों में बांटा है ! 1. सिआल (SIAL) – इस परत में Silica और Aluminium अधिकता मे पाए जाते है इस परत की चट्टानों में अम्लीयता अधिक होती है।2. सीमा (SIMA) – इस परत में Silica – Magnesium की अधिकता होती है इस परत की चट्टानों में बेसाल्ट और ग्रेबों की अधिकता रहती है।
3. निफे (NIFE) – इस परत में Nikel और Iron होता है इसी परत के कारण पृथ्वी की चुम्बकीय शक्ति (Magnetic Power) होती है।
आधुनिक भूगर्भ शास्त्रियों ने पृथ्वी की आंतरिक संरचना को 3 परतों में विभाजित किया है।
- भू-पटल (Crust)
- भू प्रवार (Mantle)
- क्रोड (Core)
1.(Crust) भू-पटल –
- यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी और सबसे पतली परत है।
- भूपर्पटी की रचना में सर्वाधिक मात्रा आक्सीजन की है।
- इसकी मोटाई 16 किमी. से 40 किमी तक है। भू-पटल की औसत मोटाई 30 किमी. है।
- महाद्वीपीय भागों मे इसकी मोटाई 40 किमी. तक है।
- महासागरों के नीचे Crust की मोटाई 5 से 10 किमी. तक पाई जाती है।
- महाद्वीपीय Crust ग्रेनाइट और नीस चट्टानों की बनी होती है जिसके ऊपर अवसादी (Sedimentary) चट्टानों की परत पाई जाती है।
- महासागरीय (Oceanic) Crust बैसाल्ट चट्टानों की बनी है।
- Crust और Mantle का सबसे ऊपरी भाग मिलकर स्थल मंडल बनाते है जिसकी गहराई 100 किमी तक है ।
- स्थल मंडल के नीचे दुर्बल मंडल का विस्तार है इसकी गहराई 100 किमी से 200 किमी. तक है।
- यह दो भागों में विभक्त है – ऊपरी Crust और निचला Crust इन दोनों के बीच में कोनार्ड असंबद्द्ता पाई जाती है !
- निचले Crust के बाद Mantle शुरु होता है,तो इन दोनों यानी Crust और Mantle के बीच भी एक असंबद्द्ता पाई जाती है जिसे मोहो असंबद्द्ता कहते है !
Mantle) भू-प्रवार –
- Mantle पृथ्वी की बीच वाली परत है जिसकी मौटाई 2900 किमी. तक है।
- Mantle के 2 भाग पाए जाते है। 1.ऊपरी Mantle :- इसकी गहराई 700 किमी. तक है। 2.निचली Mantle :- इसकी गहराई 700 किमी. से 2900 किमी तक है इन दोनों के बीच रेपटी असंबद्द्ता पाई जाती है !
- इसके बाद Core शुरु होता है तो Mantle व Core के बीच जो असंबद्द्ता पाई ज़ाती है उसे हम गुटेनबर्ग असंबद्द्ता कहते है !
क्रोड (Core) –
- यह पृथ्वी की सबसे आंतरिक भाग है जो Mantle के नीचे पृथ्वी के केन्द्र तक पाया जाता है।
- पृथ्वी का लगभग 16% भाग घेरे हुए है।
- इसमे निकल (Ni) तथा लोहा (Fe) की प्रधानता होती है इसलिए इस परत का नाम निफे (NiFe) है।
- इसकी गहराई 2900 किमी. से 6371 किमी. तक है।
- इसमें रेडियोधर्मी पदार्थो और विद्युत आवेशित कणों की कुछ मात्रा पाई जाती है ।
- Core को दो भागों में बांटा गया है आंतरिक Core और बाहरी Core इन दोनो के बीच जो असंबद्द्ता पाई जाती है उसे हम लेहमैन असंबद्द्ता कहते है !
- पृथ्वी के समस्त आयतन (Volume) का 5% Crust , 83% Mantle और 17% Core पाया जाता है।
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धन्यवाद ।
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